चंडीगढ़। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रोहतक के चिड़ी गांव में हुई सरपंच की हत्या पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। हुड्डा का कहना है कि बीजेपी सरकार के दौरान हरियाणा में कानून-व्यवस्था का दिवाला निकल चुका है। रोहतक, सोनीपत, झज्जर, भिवानी, जींद समेत पूरे हरियाणा से हर रोज हत्या, लूट, डकैती और चोरी की खबरें ं आती हैं। ऐसा लग रहा है कि हरियाणा में जंगलराज चल रहा है। अपराधियों के सिवाए मौजूदा सरकार से कोई वर्ग खुश नहीं है।
Hooda said on the murder of Valmiki Samprach, law and order has gone bankrupt
उन्होंने कहा कि अपराधी प्रवृत्ति के लोग आम आदमी ही नहीं पुलिस और जनप्रतिनिधियों को भी निशाना बना रहे हैं। आज लोग न घर के बाहर सुरक्षित हैं और न ही अपने घरों में।
हुड्डा ने कहा कि चिड़ी गांव में सरपंच बालकिशन वाल्मीकि की घर में घुसकर हत्या कर दी गई। ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने मामले में जल्द और कड़ी कार्रवाई के लिए रोहतक एसपी और हरियाणा डीजीपी से फोन पर बात की। साथ ही नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से रामकिशन वाल्मीकि के परिवार को उचित मुआवजा देने और परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वो सरपंच बालकिशन की हत्या से बहुत आहत हैं और परिवार के प्रति संवेदनाएं प्रकट करते हैं। दुःख की इस घड़ी में वो परिवार के साथ खड़े हैं।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बदहाल कानून व्यवस्था को लेकर हम सरकार को लगातार आगाह कर रहे हैं, लेकिन सरकार जागने का नाम नहीं ले रही है। 24 घंटे के भीतर अकेले रोहतक में 2 हत्याएं हो चुकी हैं। चिड़ी गांव में सरपंच के अलावा गिझी गांव में भी एक युवक की हत्या कर दी गई।
उन्होंने कहा कि अपराधों का ये सिलसिला पिछले कई साल से जारी है। रोज हरियाणा में 3 से 4 हत्याएं होती हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा जारी साल 2018 के आंकड़े बताते हैं कि हरियाणा में रोज 3 से 4 हत्याओं के साथ रोज 4 रेप, 1 गैंगरेप और 14 अपहरण के केस सामने आते हैं। रोज 50 वाहनों की चोरी होती है और 54 चोरी, लूट, डकैती व जबरन वसूली की वारदातें अंजाम दी जाती हैं।
हुड्डा ने कहा कि हैरानी की बात है कि कोरोना काल में भी ये सिलसिला नहीं रुका, जब पूरा प्रदेश एक तरह से पुलिस स्टेट में बदल चुका है। हर जगह नाकाबंदी और पुलिस की गश्त होती है। फिर भी अपराधी अपने मंसूबों को अंजाम देने में कामयाब हो रहे हैं। ये वारदातें प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवालिया निशान लगाती हैं।